कही तो कोई ऐसा हो जो मेरा अपना हो ,
मेरी हर दुःख परेशानी को वो अपना कहता ,
मेरे सपनो को सजाता और सवारता,
मेरी आखो में जो ये गम का समुन्दर है,
इसे कोई ऋषि अगस्तय बन पी जाता ,
जो हर गम से बचा लेता मुझको ,
दुनिया से लड़ कर मुझको अपना बना लेता वो,
मेरी हर दुःख परेशानी को वो अपना कहता ,
मेरे सपनो को सजाता और सवारता,
मेरी आखो में जो ये गम का समुन्दर है,
इसे कोई ऋषि अगस्तय बन पी जाता ,
जो हर गम से बचा लेता मुझको ,
दुनिया से लड़ कर मुझको अपना बना लेता वो,
काश कोई ऐसा होता जो जिन्दगी में आकर कभी,
यूँ तनहा अकेला ना कर जाता मुझको ........
lage rahiye lage rahiye koi na koi aa hi jayega :P duniya me bewkufo ki koi kami nahi hai :P
ReplyDeletewaise poem badi achhi hai :)
wooooooooooooooooooow
ReplyDelete