Tuesday, February 8, 2011

वो एक प्यारा सा सपना..

वो एक प्यारा सा सपना था ,आखो में बसा वो चेहरा अनजाना पर अपना था ,जब पास वो आये पहली बार ,
दिल में हुई थी कुछ हलचल न जाने क्यों ,कुछ हुआ था अहसास जो था बहुत खास ,
कुछ पाने की आरजू न थी उनके आने के बाद,बहती हवा के झोके से वो आये और हस्ती पर छा गए वो हमारी,
पहले डरते थे हम कुछ खो जाने के अहसास से ,पर उन्हें खोने के बाद डर से भी डर नहीं लगता ,
पहले तो चोट के ख्याल से डर लग जाता था,अब तो किसी चोट का अहसास ही नहीं होता उनके जाने के बाद,
                       वो एक प्यारा सा सपना था ,आखो में बसा वो चेहरा अनजाना पर अपना था.....,
उनके चहेरे की ख़ुशी  देख कर दुनिया की हर खुशी छोटी लगती थी ,उनके आने के बाद हर तरफ खुशिया बिखरी सी लगती थी,
उनके साथ रहकर दुनिया खिली खिली लगती थी ,हर तरफ प्यार का ही साया था ,
अब तो हर बसंत में भी पतझड़ लगता है ,पहले पतझड़ में भी दिल की बगिया खिली रहती थी ,
पहले गम में भी होंठों पर हलकी सी मुस्कराहट रहती थी ,अब तो खुशियों में भी खुद को मुस्कुराने को कहना पड़ता है
वो क्या गए अब तो खुद को साँस लेना याद दिलाना पड़ता है ,जीना याद दिलाना पड़ता है.....
                       वो एक प्यारा सा सपना था ,आखो में बसा वो चेहरा अनजाना पर अपना था......,

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