Sunday, February 20, 2011

अहसास...

दिल ये न जाने किस मुकाम पर है, जब वो पास थे तो उनसे अलग होने का अहसास ही न था, 

अब जब वो दूर है तो उन्हें छुने को दिल  करता है , सिमट के उनके बाजुओ में रोने को दिल करता 

है..........न जाने  क्यू अब इस दुनिया को भुलाने को दिल करता है........

1 comment:

  1. na na aisa ajeeb kam mat karna nahi to hame aisi line padhne ko kaha se milengi :P

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