Friday, April 29, 2011

कई बार.......

पलकों की चिलमन से छुपकर देखा है मैंने तुम्हे कई बार ,
अपनी सांसो  की सरगम में मैंने सुना है तुमको हर बार, कई बार,
अपने हाथो को उठा कर उस खुदा से की है दुआए तुम्हारे लिए हर बार,कई बार,
अहसासों की घनी  बस्ती मैंने सजायी है मन मैं इस बार,पहली बार,
जो मन मैं बनायीं है वो सुंदर छवि वो तुम्हारी है पहली और आखरी बार,
तुम्हारी बातो का है ये असर की मैंने खुद को पाया है ऐसे ,जैसा कभी  खुद को न सोचा था  ,
सपना ऐसा दिखाया है तुमने,हमें खुद से मिलवाया है  तुमने इस बार ......



Monday, April 4, 2011

किसी का इंतजार करना मुश्किल नहीं......

किसी का  इंतजार  करना  मुश्किल नहीं दुनिया में ,पर  यकीन तो  हो  की  वो  अपना  है ,
दुनिया  की  भीड़  में जो  ना करे  कभी  तनहा ,वो  कोई  खास  शख्स  तो  अपना हो,
माना की दुनिया का एक अपना दस्तूर है ,पर दुनिया पर भी किसी का सुरूर है ,
शब्दों को सहेज कर अरमानो को  सजाया है हमने ,हर बात में अपनी छुपाया है तुमको ,
मेरे सारे लफ्जों में अहसास तुमारा है ,मेरा हर गीत तुम्हारा है ,मेरा हर साज़  तुम्हारा है ,

किसी का  इंतजार  करना  मुश्किल नहीं दुनिया में ,पर  यकीन तो  हो  की  वो  अपना  है...

जो सपने मैंने बुने है अपने अंतर्मन में ,उन सपनो के हर तार में एक अरमान तुम्हारा है ,
जितना सोचा है मैंने जाना है हर वो अहसास तुम्हारा है ,खुद बन जाते हो अहसास मेरे,
अब हर सपना बस तुम्हारा है ,मन में खिले पुष्पों का हर हार अब तुम्हारा है ,
किसी का  इंतजार  करना  मुश्किल नहीं दुनिया में ,पर  यकीन तो  हो  की  वो  अपना  है...