हमेशा अपनी ही खुशियों को क्यों आग लगाती है बेटिया,अपने ही सपनो को भुला देती है बेटिया,
कभी दहेज़ तो कभी इज्जत के नाम पर जला दी जाती है बेटिया
कभी दहेज़ तो कभी इज्जत के नाम पर जला दी जाती है बेटिया
क्यों हमेशा खुद को और अपने सपनो को खो देती है बेटिया......
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