Sunday, February 20, 2011

क्यों....

हमेशा अपनी ही खुशियों को क्यों आग लगाती है बेटिया,अपने ही सपनो को भुला देती है बेटिया,


कभी दहेज़ तो कभी  इज्जत के  नाम  पर  जला  दी  जाती  है  बेटिया 


क्यों हमेशा खुद को और अपने सपनो को खो देती है बेटिया......

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