Friday, February 11, 2011

मन मंदिर के तारो को झंकृत..

         मन मंदिर के तारो को झंकृत आप कर गए ,आये आप हमारी जिन्दगी में बहारो की तरह ,
प्यार के फूलो से भर दी जिन्दगी हमारी , और हर तरफ चादनी का अहसास कराया आपने,
जिन्दगी से प्यार करना सिखाया आपने ,महसूस करती हूँ आपको हर पल साथ अपने ,
इस मन में प्यार के पुष्पों को खिलना सिखाया आपने,मुमकिन नहीं भुलाना आपसे  जुड़े किसी भी पल को ,
हर पल को दिल में बसाये रखा है हमने,पर सच है यही एक बात आपसे छुपाये रखा है हमने,
       मन मंदिर के तारो को झंकृत आप कर गए ,आये आप हमारी जिन्दगी में बहारो की तरह,
दिल के किसी कोने में बनाये रखा है आपको ,अपने गीतों में सजाये हमेशा सजाये रखा है आपको
हमारे गीतों में आप है,हमारी बातो में आप है,आपको कैसे बताये हर जिक्र में आप है
ये माना की सख्त है ज़माने के दस्तूर ,पर दिल के मंदिर में  जो छवि सजायी है आपकी ,
माना की  सीमान्त  नहीं सपनो का कोई ,पर कैसे कहें की हम बार बार सपने सजा नहीं सकतें ,
एक बार जो छवि बना ली है हमने अब चाह कर भी उसे  बदल नहीं सकते  ,
खुदा की कसम ऐसी प्यारी सी  छवि दिल में  बना ली  है हमने.......
      मन मंदिर के तारो को झंकृत आप कर गए ,आये आप हमारी जिन्दगी में बहारो की तरह

1 comment:

  1. yaado ko bahut aacha sahejne ka pryas kiya hai........badhiya hai ......

    ReplyDelete