'' जनाब प्यार तो एक समुन्द्र है जितना डूबोगे गहराई उतनी मिलेगी ,बस समझ का फेर है किसी को रब इसमे दिखता है तो किसी को हास्य नज़र आता ,पर सच तो ये है ये वो है जो पथेर में जान दाल जाता है ,.बस पहचान लो उसको ,जान लो उसको हर मोड़ पर ये नहीं होता पर जब होता तो जिन्दगी मोड़ जाता है ,ये वो सूरज है जो रोशनी दूसरो को देकर खुद जलता रह जाता है ......."
Tuesday, March 22, 2011
Sunday, March 20, 2011
नयी झंकार....
मन में एक नयी झंकार तो है ,जीवन में एक नया उल्लास तो है ,
खुशियों से दामन को अपने सजाने की एक ख्वाहिश सी जगी मन में ,
तुम्हारे आने से एक कलि तो खिली है ,अहसास कुछ तो हुआ है जरुर
तुम्हारी जिन्दगी में कुछ खुशियों की फुलवारी तो सजी है ,
खुश हूँ तुम्हारी खुशी से इतनी मैं की जीने की आस सी जगी है ,
तुम्हारे दमन में जो खुशिया आई है ,उसको अहसास तो मैंने कर लिया है,
बस बनी रहे यूँ ही खुशिया हर दम ,ये दुआ है मेरी जिन्दगी रंगों से सजी रहे तुम्हारी .......
Tuesday, March 15, 2011
कसक...
एक कसक सी दिल दिल में उठती रही ,लब को मुस्कुराना सिखा दिया था हमने ,
पर आखें रोती रही,उनके जाने का गम तो था पर अपना है वो इतना तो करार था ,
पर बीच में ख़ामोशी कुछ ऐसी रही की हम हर तराना ही भूल गए ,
दर्द का दरिया दिल में छुपा ही लिया था हमने ,पर एक लहर ऐसी उठी की नैनो को भिगो दिया ,
चहेरे पर ओढ़ ली थी हमने एक चिलमन मुस्कान की ,पर आज एक कसक फिर ऐसी उठी की ,
मुस्कान की ओ झूठी चिलमन कही खो सी गयी ,फिर याद आया की हमने कुछ खो दिया.......
Wednesday, March 2, 2011
इच्छाए...
कुछ शांत सी कुछ अशांत सी इच्छाए'
कुछ प्रह्स्फुटित करती,कुछ दमित इच्छाए
कुछ खोती और पाती इच्छाए '
कुछ हसाती कुछ रुलाती इच्छाए
कुछ बतायी और कुछ छुपायी इच्छाए
कुछ सवारती और कुछ बिगाडती इच्छाए
कुछ कालान्त और कुछ पारसंगिक इच्छाए
कुछ स्याह और कुछ उज्जवल इच्छाए
कुछ मुझे सताती और कुछ रुलाती इच्छाए
कुछ मुझे सवारती इच्छाए और कुछ को मैं सवारती
कुछ मुझे जोडती और कुछ मुझे तोडती इच्छाए
कुछ मैं तोडती और कुछ जोडती इच्छाए
जीवन का सार है और आधार ये इच्छाए
माना सीमान्त नहीं है इच्छाओ का कोई
पर जीवन को एक पल में बिता देती है ये इच्छाए...
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