विश्वास का दीप जलाकर मैं करती हूँ तेरा अहवाहन ,
भारत का कर विकास अब उठ जागकर ,
है हर युवा की ये जिमेदारी और समय की पुकार
अब रहे न कोई डरा सा सहमा सा ,
करते रहे सब देश प्रेम की हुकार,
आज है यही है मानव की पुकार
नए युग का करेंगे हम निर्माण
विश्वास का दीप जलाकर करती हूँ तेरा अहवाहन.....
उठ जाग युवा समय की सुन पुकार.........
सरल सरस और सहज गंगा की धारा है ये
करती है कल्याण ये बन करुणा की धारा
इससे होगा सहस ही अपनी धमनियों में साहस का संचार
दूर होगा अब हर तिमिर और उसका संसार
.विश्वास का दीप जलाकर करती हूँ तेरा अहवाहन..
उठ जाग युवा समय की सुन पुकार........
हम बदलेंगे पुरानी रस्मो को रिवाजों को
जिसमे मानवता बंधी बंधी सी लगती है
वर्षो से जो बन कर तीर दिल में कहीं चुभी है
करेंगे हर बाधा का अंत,प्रेम का सूर्य फिर से चमकेगा
विश्वास का दीप जलाकर करती हूँ तेरा अहवाहन.
उठ जाग युवा समय की सुन पुकार....