Saturday, February 26, 2011

फ़ासला..

होता  है  यूँ  ही  जिन्दगी  के  साथ  कभी  कभी  ,
रोशनी  तो  फैलती है  ज़माने  में  पर  दिल  में  अँधेरा  ही  रह  जाता  है ,
जरुरत  तो  उनकी  रहती  है  हमे  हर  दम  ,
बस  दर्मिया  फ़ासला सा  कुछ  रह  जाता  है ..........

Monday, February 21, 2011

काश......

कही तो कोई ऐसा हो जो मेरा अपना हो ,
मेरी हर दुःख परेशानी को वो अपना कहता ,
मेरे सपनो को सजाता और सवारता,
मेरी आखो में जो ये गम का समुन्दर है,
इसे कोई ऋषि अगस्तय बन पी जाता ,
जो हर गम से बचा लेता मुझको  ,
दुनिया से लड़ कर मुझको अपना बना लेता वो,
काश कोई ऐसा होता जो जिन्दगी में आकर कभी,
यूँ तनहा अकेला ना कर जाता मुझको ........

Sunday, February 20, 2011

अहसास...

दिल ये न जाने किस मुकाम पर है, जब वो पास थे तो उनसे अलग होने का अहसास ही न था, 

अब जब वो दूर है तो उन्हें छुने को दिल  करता है , सिमट के उनके बाजुओ में रोने को दिल करता 

है..........न जाने  क्यू अब इस दुनिया को भुलाने को दिल करता है........

क्यों....

हमेशा अपनी ही खुशियों को क्यों आग लगाती है बेटिया,अपने ही सपनो को भुला देती है बेटिया,


कभी दहेज़ तो कभी  इज्जत के  नाम  पर  जला  दी  जाती  है  बेटिया 


क्यों हमेशा खुद को और अपने सपनो को खो देती है बेटिया......

अरमान जो सजाए......

बहुत  प्यार  से  सपने  सजाये  थे , उनके  आने  की  खुशी  में  कई  अरमान सजाये  थे  ,जब  न  

आये  वो  लौट  कर,सच  में  उन्ही  अरमानो   को  आपने हाथो  से  दफनाये  थे ,जी  भर  के  रो  भी  

न  सके  हम  उनके  कंधो  से  लग  कर  क्युकी   तन्हा  थे  इस  कदर  की  अपने  अरमानो   को  खुद  

ही  खो  के  आये  थे  हम ....

Saturday, February 19, 2011

वो अपना है पर पराया क्यों है..

दिल में दर्द सा क्यों है ,वो अपना है पर पराया सा क्यों है ,
साथ उसके रहना तो चाहती हूँ ,दूरिया इतनी दर्मिया क्यों है ,
महसूस करती हूँ हर पल साथ उसको ,पर वो नजरो से दूर क्यों है,
जानती हूँ उसको पहचानती हूँ उसको ,पर फिर भी वो बेगाना सा क्यों है,
याद उसे करती हूँ हर पल ,फिर भी हमारे बीच ये चुपी सी क्यों है ,
ये अनचाही सी दूरिया क्यों है ,हम मिल के भी अनजाने से क्यों है ,
सुन सकते हो आवाज़ मेरी ,समझ सकते हो हर बात मेरी ,
फिर भी क्यों अनसुना कर जाते हो ,इस सफ़र में तन्हा किये जाते हो ,
चमक तुम्हे देख कर चहेरे पे मेरे जो आती थी उसे स्याह किये जाते हो,
आखें जो ख्वाब बुनती थे सपनीले ,उसे क्यों सूना किये जाते हो .......

Thursday, February 17, 2011

गम को छुपाना जिन्दगी है..

कहते है अश्को  को छुपा कर जीना जिन्दगी है ,
मुस्कुरा कर गम को छुपाना जिन्दगी है ,
अजी जीना तो मुश्किल तब हो जाता है ,
जब आखें तो रोती है पर होंठो को हँसाना पड़ता है,
अपने अश्को को हम इसलिए दिल में कैद रखते है ,
ये निशानी है उसकी जिसे हम खुद में छुपा कर रखते है,
माना हमारे इंतजार की कोई मंजिल नहीं ,
पर खुद को हम इसी में उलझाये रखते है,
भरमाये रखते है ,सच कहे इस तरह जीना जिन्दगी है.....
                                                                                  priyanka      

आप बनो साहिल..

" आप बनो साहिल हमारे ,किस्मत को शायद ये मंजूर न था 
   सुना है मासूम दुआओं में बड़ा असर होता है,
  अब देखना है असर कितना हमारी दुआओ में है "

Wednesday, February 16, 2011

मेरी हर बात में तुम हो....

मेरी  हर बात में तुम हो ,हर पल हर अहसास में तुम हो ,
फिर भी न जाने क्यों खोजती है ये नज़रे तुमको हर पल,
                              आखो में कुछ तस्वीरे समायी है की नज़र कुछ और आता नहीं,
                              हर शख्स में देखा है तुमको ,हर रंग में पाया है तुमको ,
                              मौसम हो कोई भी पर तुम्हारे आने से बसंत जो छाया था ,वो आज भी है  
मेरी  हर बात में तुम हो ,हर पल हर अहसास में तुम हो ,
फिर भी न जाने क्यों खोजती है ये नज़रे तुमको हर पल,
                              दिल की धडकनों में तुम्हे छुपा कर हर नज़र से बचाया है,
                              मासूम है तुम्हारे होने का अहसास ,पवित्र है तुम्हारे साथ का अहसास ,
                              समाज की कठोरता से अपने रिश्ते को बचाया है हमने,
मेरी  हर बात में तुम हो ,हर पल हर अहसास में तुम हो ,
फिर भी न जाने क्यों खोजती है ये नज़रे तुमको हर पल                            


Sunday, February 13, 2011

हर रात वो चाँद दिखता नहीं है...

हर रात वो चाँद दिखता नहीं है ,पर मेरा चाँद तो मेरी आखो में रहता है,
दूर होते होंगे आसमान के तारे,पर मेरा तारा तो मेरे दिल में बसता है ,
लोग कहते है सो जाऊ तो ख्वाब आयेंगे,पर मेरा ख्वाब तो मेरी सासों में बसता है ,
लोग कहते है की वो दूर मुझसे रहता है ,पर उन्हें क्या पता वो मुझमे ही बसता है,
कालिया जो मुस्काई तो लोग कहते है बसंत है,पर मेरा बसंत तो उनकी मुस्कान में है,
वो कहते है तुम अच्छी हो,पर खुदा की कसम नज़रे उनकी खास है जो मुझ में अच्छा देखती है,
पत्तो के झड़ने पर पतझड़ है लोग कहते है,पर जब वो दूर गए तबसे पतझड़ हमको लगता है,
सब कहते है आखो में अश्क है तेरे तब रश्क होता है,ये मोती है अनमोल मेरे गर्व इनपे होता है ,
कुछ तो है खास मेरे पास जो सिर्फ है उनके लिए,इसलिए ये मोती कोहिनूर है मेरे लिए........ 

Friday, February 11, 2011

मन मंदिर के तारो को झंकृत..

         मन मंदिर के तारो को झंकृत आप कर गए ,आये आप हमारी जिन्दगी में बहारो की तरह ,
प्यार के फूलो से भर दी जिन्दगी हमारी , और हर तरफ चादनी का अहसास कराया आपने,
जिन्दगी से प्यार करना सिखाया आपने ,महसूस करती हूँ आपको हर पल साथ अपने ,
इस मन में प्यार के पुष्पों को खिलना सिखाया आपने,मुमकिन नहीं भुलाना आपसे  जुड़े किसी भी पल को ,
हर पल को दिल में बसाये रखा है हमने,पर सच है यही एक बात आपसे छुपाये रखा है हमने,
       मन मंदिर के तारो को झंकृत आप कर गए ,आये आप हमारी जिन्दगी में बहारो की तरह,
दिल के किसी कोने में बनाये रखा है आपको ,अपने गीतों में सजाये हमेशा सजाये रखा है आपको
हमारे गीतों में आप है,हमारी बातो में आप है,आपको कैसे बताये हर जिक्र में आप है
ये माना की सख्त है ज़माने के दस्तूर ,पर दिल के मंदिर में  जो छवि सजायी है आपकी ,
माना की  सीमान्त  नहीं सपनो का कोई ,पर कैसे कहें की हम बार बार सपने सजा नहीं सकतें ,
एक बार जो छवि बना ली है हमने अब चाह कर भी उसे  बदल नहीं सकते  ,
खुदा की कसम ऐसी प्यारी सी  छवि दिल में  बना ली  है हमने.......
      मन मंदिर के तारो को झंकृत आप कर गए ,आये आप हमारी जिन्दगी में बहारो की तरह

Wednesday, February 9, 2011

रात्रि को चीरता उगता है सूर्य...

                      रात्रि को चीरता उगता है देखो सूर्य ,गर्मी ,सर्दी ,वर्षा या हो मधुमास...
                      घना हो चाहे कितना भी अँधेरा,नहीं रहती है कोई रात्रि सदासर्वदा ,
                     सूर्य टलता नहीं है घनघोर अंधेरो से ,डरता नहीं है किसी भी अनजाने से ,
    शास्वत है उसका आना और जाना ,वैसे ही शास्वत है भारत का आस्तित्व भी
     नहीं भेद सकता है इसको कोई भी राज़ ,चाहें हो कोई भी तूफान ,या आतंक ,
    किसी भी राज़ का हो अँधेरा या आतंक का हो तूफान ,हम भारत की आन है
    सबसे लड़ लेंगे हम गाँधी ,नेहरु की है पीढ़ी ,गर्दिशो से भी खीच लायेंगे अपने देश की कश्ती,
                  रात्रि को चीरता उगता है देखो सूर्य ,गर्मी ,सर्दी ,वर्षा या हो मधुमास...
                  घना हो चाहे कितना भी अँधेरा,नहीं रहती है कोई रात्रि सदासर्वदा ,
                   सूर्य टलता नहीं है घनघोर अंधेरो से ,डरता नहीं है किसी भी अनजाने से,
   माँ को टुकड़ो में मत बाटो ये भारत माता के बेटो ,ये वो माँ है जिसकी खातिर 
   अनेको माओ ने अपनी गोदे सुनी की,अंधड़ हो किसी भी राज़ का ,
   या की आसाम का आलगाववादी शोर हो ,या फिर हो कश्मीर में बढता हिंसा का जोर हो ,
    जऱा ये भी तो सोचो गर बाट दिया हमने अपनी ही  माँ के आचल को ,
   तो हमारा अपना अस्तित्व ही क्या रह जायेगा,कुछ झूठे मोतियों की खातिर क्या 
    अपने ही घर को तोड़ देंगे हम,कुछ पल को आओ बैठ कर सोचे ,
    क्या हम पर नाज़ हमारी  तरह हमारी संताने कर पाएंगी,समझो माँ के प्यार को ,उससे है हम पहचानो इस बात को ,
              रात्रि को चीरता उगता है देखो सूर्य ,गर्मी ,सर्दी ,वर्षा या हो मधुमास...
              घना हो चाहे कितना भी अँधेरा,नहीं रहती है कोई रात्रि सदासर्वदा ,
             सूर्य टलता नहीं है घनघोर अंधेरो से ,डरता नहीं है किसी भी अनजाने से,
    कर निहित स्वार्थ का त्याग,आओ करें भारत माता से अनुराग ,
    शान है हम भारत की ,नेहरु,गाँधी का है मान,साबित कर दो ए भारत माँ के लाल ,
     न हमारी कोई जात न धरम ,हम है भारतीय बस यही है हमारी पहचान ,
   करो बस देश से प्रेम है यही हमारा कर्म,माँ का आचल कर दो रोशन अपने कर्मो से,लहरा दो तिरंगा पूरी दुनिया में
                          रात्रि को चीरता उगता है देखो सूर्य ,गर्मी ,सर्दी ,वर्षा या हो मधुमास...
                          घना हो चाहे कितना भी अँधेरा,नहीं रहती है कोई रात्रि सदासर्वदा ,
                        सूर्य टलता नहीं है घनघोर अंधेरो से ,डरता नहीं है किसी भी अनजाने से... 
     

Tuesday, February 8, 2011

तमन्ना...

वो न जाने क्यों हमारी हर  तमन्ना से खफा होते है
उन्हें कैसे बताये की हमारी हर तमन्ना में वो ही होते है,
उन्हें लगता है शायद  की वो हमसे दूर हो गए है,
उन्हें क्या पता वो साँस बनकर हम में ही रहतें है,
ये अलग बात है की हम हर बात जताते नहीं,
जैसे खुदा है हममे पर हम उन्हें देख पाते नहीं,
कोई जरुरी नहीं उन्हें कर कदम पर हम अहसास अपना दिलाये 
वो अहसास है हमारे लिए इतना ही काफी है ......

वो एक प्यारा सा सपना..

वो एक प्यारा सा सपना था ,आखो में बसा वो चेहरा अनजाना पर अपना था ,जब पास वो आये पहली बार ,
दिल में हुई थी कुछ हलचल न जाने क्यों ,कुछ हुआ था अहसास जो था बहुत खास ,
कुछ पाने की आरजू न थी उनके आने के बाद,बहती हवा के झोके से वो आये और हस्ती पर छा गए वो हमारी,
पहले डरते थे हम कुछ खो जाने के अहसास से ,पर उन्हें खोने के बाद डर से भी डर नहीं लगता ,
पहले तो चोट के ख्याल से डर लग जाता था,अब तो किसी चोट का अहसास ही नहीं होता उनके जाने के बाद,
                       वो एक प्यारा सा सपना था ,आखो में बसा वो चेहरा अनजाना पर अपना था.....,
उनके चहेरे की ख़ुशी  देख कर दुनिया की हर खुशी छोटी लगती थी ,उनके आने के बाद हर तरफ खुशिया बिखरी सी लगती थी,
उनके साथ रहकर दुनिया खिली खिली लगती थी ,हर तरफ प्यार का ही साया था ,
अब तो हर बसंत में भी पतझड़ लगता है ,पहले पतझड़ में भी दिल की बगिया खिली रहती थी ,
पहले गम में भी होंठों पर हलकी सी मुस्कराहट रहती थी ,अब तो खुशियों में भी खुद को मुस्कुराने को कहना पड़ता है
वो क्या गए अब तो खुद को साँस लेना याद दिलाना पड़ता है ,जीना याद दिलाना पड़ता है.....
                       वो एक प्यारा सा सपना था ,आखो में बसा वो चेहरा अनजाना पर अपना था......,

Wednesday, February 2, 2011

तकदीर..

" कभी कभी दर्द तकदीर बन कर जगाता है ,कभी दुआ तो कभी नासूर बन कर जगाता है 
कभी कभी प्यार बन जुल्फें सँवार जाता है ,कभी आसू बन आखो से  काजल बहा ले जाता है "
                                                                                                                               प्रियंका 

हम खामोश है हर बार की तरह..

तेरी दुनिया में इन्सान का दिल ऐसा क्यों है ,दिल रोता है पर होंटो को हसाना पड़ता है
दिल में है दर्द इतना पर मुस्कुराना पड़ता है , दिल जब रोता है तो खुद ही चुप कराना पड़ता है
जुबा को खामोश कर रखा है हमने ,पर अश्को को छुपाना पड़ता है,
मुश्किल है हर बार अश्को को छुपाना ,हर बार एक नया झूठ बोलना पड़ता है ,
हम खामोश है हर बार की तरह ,हर बार की तरह दिल को मनाना पड़ता है ,
लोग कहतें है वो बहुत दूर है हमसे ,पर कैसे कहें की उन्हें दिल में छुपाना पड़ता है,
प्यार को भगवान मानते है लोग ,पर भगवान को भी तो बुलाना पड़ता है ,
जो प्यार मिला जिन्दगी में ,कैसे कहें की उसे भी भुलाना पड़ता है ,
वो सोचतें है की भुला देंगें हम उन्हें ,पर उन्हें क्या पता जीने के लिए उन्हें ही याद करना पड़ता है
पास थे तो परवाह थी उन्हें हमारी ,अब तो याद उन्हें  दिलाना पड़ता है
खास है वो दिल के पास वो ,पर उनसे ही छुपाना पड़ता है ,
जीने की उम्मीद खो से जाती है जब दूर होने का अहसास दिल को पड़ता है ,
बेशक वो दूर है हमसे ,पर जब दिल में बसाया है उन्हें तो
उन्हें क्या पता,बात उनसे रोज ही चुपके से  कर लेता है दिल,
उन्हें क्या पता रोज चुपके से उनका दीदार कर लेता है दिल
वो तो सोचतें है उन्हें भुलाये बैठें है हम ,उन्हें कैसे बताएं की उन्हें दिल में छुपाये बैठें है हम ,
पहले हर बात बिना बताये समझ जाते थे वो ,अब तो उन्हें हर बात बताना पड़ता है ...............

                                                                                                                       प्रियंका